मध्यप्रदेश के डिंडोरी में मिशनरी संस्था में ग़रीब नाबालिग बच्चियों के साथ हुआ शोषण, केस दर्ज

मध्यप्रदेश के डिंडोरी में मिशनरी संस्था में ग़रीब आदिवासी बच्चियों के साथ शोषण का मामला सामने आया है। कुछ मिशनरियों के गुलाम तथाकथित आदिवासी संगठन के लोग, इनके बचाव में पैसे लेकर केस रफ़ा दफ़ा करने का दबाव बना रहे हैं। प्रशासन ने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा डालने वाले किसी भी रसूखदार को छोड़ा नहीं जाएगा।

हिंदुस्तान समाचार के अनुसार मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के एक मिशनरी चिल्ड्रन होम में आदिवासी बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना सामने आया। मामला मंडला जिले की सीमा के पास स्थित अमरपुर विकासखंड के जुनवानी गांव का है। यहीं जेडीईएस मिशनरी हायर सेकेंडरी स्कूल में संदिग्ध गतिविधियां होने की सूचना पर मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य अनुराग पांडे और ओमकार सिंह शुक्रवार को पुलिस टीम के साथ जांच करने पहुंचे। पूछताछ के दौरान नाबालिग छात्राओं ने जो जानकारी दी, उससे जांच करने पहुँचे भी दंग रह गए। इसी बीच मौके से पादरी और दो अन्य फरार हो गए।

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष धन्य कुमारी वैश्य ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। चारों आरोपितों के विरुद्ध पुलिस ने यौन शोषण, छेड़छाड़ और पास्को एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। डिंडोरी पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह ने बताया कि शिकायत पर स्कूल संचालक शनि, प्रिंसिपल नान सिंह यादव, अतिथि शिक्षक खेम चंद्र और एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। महिला थाने में धारा 354, 354 क (1), 323, 34 आईपीसी 7, 8 पॉक्सो एक्ट, 75, 82 किशोर न्याय अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है।

नन पर नाबालिगों की पिटाई का आरोप

पुलिस अधीक्षक ने कहा, “स्कूल के केयरटेकर, जो एक 40 वर्षीय पादरी हैं, पर लड़कियों की शिकायतों को नजरअंदाज करने के लिए मामला दर्ज किया गया है, जबकि नन (35) पर लड़कियों की पिटाई का आरोप लगाया गया है। केवल प्रिंसिपल को अभी तक गिरफ्तार किया गया है।”

आरोपी प्राचार्य रिहा

नई दुनिया के अनुसार मिशनरी स्कूल में नाबालिग छात्राओं से यौन शोषण के मामले में रविवार रात नया मोड़ आ गया। इस मामले में गिरफ्तार आरोपित प्राचार्य नान सिंह यादव को समनापुर थाना से नोटिस देकर रिहा कर दिया गया। पुलिस का तर्क है कि सात साल से कम सजा वाले मामले में आरोपित को न्यायालय में पेश करने का प्रविधान नहीं है। पास्को एक्ट की धारा के तहत केवल वार्डन सविता और शिक्षक खेमचंद पर ही मामला दर्ज है। स्कूल के प्राचार्य और पादरी सनी फादर पर सामान्य धारा के तहत मामला पंजीबद्ध हुआ है। प्राचार्य को तब रिहा कर दिया गया है, जब पीड़ित आठ छात्राओं के धारा 164 के अंतर्गत सोमवार को बयान दर्ज होने हैं। इन बच्चियों को जांच समिति वन स्टाप सेंटर ले आई थी। कक्षा चार में पढ़ने वाली एक बच्ची की सेहत खराब होने पर उसे घर भेज दिया गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने इस घटनाक्रम में पुलिस के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं।

शिकायतकर्ता को दी धमकी

इस बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि स्थानीय रसूखदार राधेश्याम काकोडिया ने इस मामले की शिकायतकर्ता और बाल कल्याण समिति की डिंडौरी अध्यक्ष धन्यकुमारी को धमकी दी है। उन्होंने बताया कि इस बारे में पुलिस अधीक्षक डिंडौरी को एफआइआर करने के लिए निर्देशित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *