सातधार से कुंदेली जाने वॉला रोड को जाम कर ग्रामवासियों ने एक दिवसीय धरना बैठे


दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा के कुंदेली गांव में ग्रामीणों ने लाल मिट्टी डंपिंग को लेकर आर्सेलर मित्तल कम्पनी के वेस्ट मटेरियल के विरोध में सड़क जाम किया गया । कुंदेली नार में शनिवार को सातधार से जाने वाली रोड पर लगभग हजारों की संख्या में यहां के ग्रामीणों ने जैसे –गायता ,पेरमा ,पटेल ,मुखिया ,सियान ,सरपंच ,उपसरपंच , वार्ड पंच ,युवा और गांव के बच्चे ,पुरुष ,महिलाओं ने भी विरोध प्रदर्शन में उपस्थित होकर रोड जाम कर जल –जंगल –जमीन को लेकर नारेबाजी करते हुए आर्सेलर मित्तल कम्पनी के खिलाफ ग्रामवासियों ने धरना दिये ।कुंदेली नार में दो महीनों से किरंदुल में स्थित आर्सेलर मित्तल कंपनी से लाल मिट्टी निकलने वाला वेस्ट लाल मिट्टी को 30 से 35 किमी दूर ले जा कर डंप कर रहे हैं । जिसे कुन्देली गांव और नेशनल हाइवे रोड से लगे गांव के लोग ट्रक ,हाइवा गाड़ी चलने से लाल मिट्टी के दुल उड़ने कारण आस –पास घरों को बहुत ही ज्यादा नुकसान दायक है इसलिए कहीं ग्रामीणों ने एकमत होकर एकजुटता के साथ रोड में उतर कर विरोध किया जा रहा है।


कुन्देली नार में लाल मिट्टी डालने से पहले ग्राम सभा हुआ था उसमें गाँव वालों का कहना है कि इस गांव के सरपंच –दशरू के साथ अन्य तीस लोगों का हस्ताक्षर हैं। इसमें तीस लोगों में से तीन लोगों का ही हस्ताक्षर ग्राम सभा के दस्तावेज में सही है । बाकी सब फर्जी तरीके से गांव के लोगों को हस्ताक्षर किया गया है । ग्राम सभा का अध्यक्ष सरपंच को ही बनाये हैं जो की ये गलत है। कोई भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि पेसा नियम के अनुसार ग्राम सभा का अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता है। यहाँ के आदिवासी व मूलनिवासियों ने कहा कि गांव के लोगों को गुमराह में रखकर लाल मिट्टी डालने के लिए ग्राम सभा किया गया है और ग्राम सभा में कोई भी प्रस्ताव पारित होने के लिए एक तिहाई बहुमत जरूरी होता है। लेकिन गांव की आबादी की जनसंख्या 1155 है पर ग्राम सभा के प्रस्ताव में तीस लोगों के हस्ताक्षर है उसमें भी आधे से ज्यादा लोगों ने बोला हमने हस्ताक्षर नहीं किये हैं करके कुन्देली नार में यहां के ग्रामवासियों के द्वारा सड़क जाम करने के कारण लाल मिट्टी भरा ट्रक , हाइवा वापस चला गया है । वहीं ग्रामवासियों ने कहा जब तक लाल मिट्टी डालने का बंद नहीं हुआ तो हारपार की लड़ाई उलगुलान होगा और हमेशा ऐसे ही होता आ रहा है कंपनियों के चलते बस्तर में आदिवासियों को चेन से सोने नहीं दिया जाता है कंपनी और प्रशासन एक साथ मिलके काम करते हैं तो इस बीच में हमारे हक अधिकार के लिए लड़ने वाले लोगों को अपने ही गाँव में पुलिस प्रशासन के हाथों से लाठियां बरसाया जाता है । इस आर्सेलर मित्तल कंपनी के लाल मिट्टी सड़क जाम में शामिल हुए सामाजिक कार्यकर्ता –भीमसेन मण्डावी ,जितेंद्र सोरी ,माड़वी संतोष ,रामलाल नेगी, अनिल तामो सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे ।

जोहार

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